कच्ची हजम करोगे
पक्की हजम करोगे
चूल्हा हजम करोगे
चक्की हजम करोगे
बोफ़ोर्स की दलाली
गुपचुप हजम करोगे
नित राजघाट जाकर
बापू-भजन करोगे
वरदान भी मिलेगा
जयगान भी मिलेगा
चाटोगे फैक्स फेयर
दिल के कमल खिलेंगे
फोटे के हित उधारी
मुस्कान रोज दोगे
सौ गालियाँ सुनोगे
तब एक भोज दोगे
फिर संसदें जुड़ेंगी
फिर से करोगे वादे
दीखोगे नित नए तुम
उजली हँसी में सादे
बोफ़ोर्स की दलाली
गुपचुप हजम करोगे
नित राजघाट जाकर
बापू-भजन करोगे
-बाबा नागार्जुन
Wednesday, April 30, 2008
Monday, March 10, 2008
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
चन्दू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हरनौटा
चन्दू, मैंने सपना देखा, भभुआ से हूं पटना लौटा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू
चन्दू, मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू
चन्दू, मैंने सपना देखा, कल परसों ही छूट रहे हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगें लूट रहे हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, भभुआ से पटना आए हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम
चन्दू, मैंने सपना देखा, पुलिस-वैन में बैठे हो तुम
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
-बाबा नागार्जुन
चन्दू, मैंने सपना देखा, भभुआ से हूं पटना लौटा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू
चन्दू, मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू
चन्दू, मैंने सपना देखा, कल परसों ही छूट रहे हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगें लूट रहे हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, भभुआ से पटना आए हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो
चन्दू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम
चन्दू, मैंने सपना देखा, पुलिस-वैन में बैठे हो तुम
चन्दू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ बाहर
चन्दू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कलेण्डर
-बाबा नागार्जुन
Tuesday, February 26, 2008
क्या नहीं है इन घुच्ची आँखों में
क्या नहीं है
इन घुच्ची आँखों में
इन शातिर निगाहों में
मुझे तो बहुत कुछ
प्रतिफलित लग रहा है!
नफरत की धधकती भट्टियाँ...
प्यार का अनूठा रसायन...
अपूर्व विक्षोभ...
जिज्ञासा की बाल-सुलभ ताजगी...
ठगे जाने की प्रायोगिक सिधाई...
प्रवंचितों के प्रति अथाह ममता...
क्या नहीं झलक रही
इन घुच्ची आँखों से?
हाय, हमें कोई बतलाए तो!
क्या नहीं है
इन घुच्ची आँखों में!
-बाबा नागार्जुन
इन घुच्ची आँखों में
इन शातिर निगाहों में
मुझे तो बहुत कुछ
प्रतिफलित लग रहा है!
नफरत की धधकती भट्टियाँ...
प्यार का अनूठा रसायन...
अपूर्व विक्षोभ...
जिज्ञासा की बाल-सुलभ ताजगी...
ठगे जाने की प्रायोगिक सिधाई...
प्रवंचितों के प्रति अथाह ममता...
क्या नहीं झलक रही
इन घुच्ची आँखों से?
हाय, हमें कोई बतलाए तो!
क्या नहीं है
इन घुच्ची आँखों में!
-बाबा नागार्जुन
Sunday, January 20, 2008
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